A Simple Key For Shiv chaisa Unveiled
A Simple Key For Shiv chaisa Unveiled
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तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
नित्त नेम कर shiv chalisa in hindi प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
अर्थ- हे प्रभू आपने तुरंत तरकासुर को मारने के लिए Shiv chaisa षडानन (भगवान शिव व पार्वती के पुत्र कार्तिकेय) को भेजा। आपने ही जलंधर (श्रीमददेवी भागवत् पुराण के अनुसार भगवान शिव के तेज से ही जलंधर पैदा हुआ था) नामक असुर का संहार किया। आपके कल्याणकारी यश को पूरा संसार जानता है।
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
सुबह सुबह ले शिव का नाम, कर ले बन्दे ये शुभ काम
प्यासी आत्मा, बनके योगी, तेरी शरण में आया